उत्सर्जी पदार्थ क्या हैं?:General Introduction,Types,Uses|Hindi


उत्सर्जी पदार्थ क्या हैं?(Excretory Products)

उत्सर्जी पदार्थ का परिचय  (General introduction)
ये पदार्थ उपापचय क्रियाओं के फलस्वरुप बनते है और पौधों के लिए कुछ भी लाभकारी नहीं होते। मनुष्य के लिए यह लाभकारी सिद्ध हुए हैं। पौधों में इन पदार्थों को बाहर निकालने के लिए कोई विशेष अंग तो नहीं होते हैं इस कारण यह पौधों में ही रहते हैं परंतु उपापचय के केंद्रों से दूर चले जाते हैं और बाद में यह पदार्थ पत्ती, फूल या छाल के गिरने पर पौधों से बाहर आ जाते हैं ।

सामान्य रूप से पौधों में कई प्रकार के उत्सर्जी पदार्थ पाए जाते हैं जो इस प्रकार है-
  1. एल्केलॉइड्स (Alkaloids)
  2. ग्लूकोसाइड्स (Glucosides)
  3. टैनिन्स (Tannins)
  4. लैटेक्स (Latex)
  5. सुगन्धित तेल (Essential oils)
  6. रेजिन्स (Resins)
  7. गोंद (Gum)
  8. कार्बनिक अम्ल (Organic Acid)


 एल्केलॉइड्स (Alkaloids)
ये नाइट्रोजन, कार्बन,हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने पदार्थ होते हैं यह पौधों के संग्रह करने वाले भागों जैसे बीज,छाल,पत्ती इत्यादि में पाए जाते हैं।

यह जल में घुलनशील नहीं   होते हैं लेकिन यह अल्कोहल में सुगमता  से घुल जाते हैं। यह स्वाद में कड़वे  होते हैं तथा इनमें से बहुत से जहरीले भी  होते हैं। कुछ एल्कलॉइड्स औषधियों का भी कार्य करते हैं।
उदाहरण के लिए-
  • क्यूनीन (Quinine)- यह सिनकोना (Cinchona) नामक पौधे की छाल से निकाली जाती है। यह मलेरिया रोग के उपचार में काम आती है।
  • रेसरपीन (Reserpine)- यह राउलफिया सर्पेन्टाइना(Rauwolfia serpentina) की जड़ से निकाली जाती है , जो अधिक रक्तचाप को कम करने में प्रयोग की जाती है।
  • निकोटीन (Nicotine)- यह तंबाकू की पत्तियों  से प्राप्त होती है। यह सुस्ती लाने वाली तथा दर्द कम करने वाली औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है।
  • थीइन (Thein)- यह चाय की पत्तियों  से निकाली जाती हैं तथा उत्तेजक (Stimulant) के रूप में कार्य करती है।
  • माॅरफीन (Morphine)- यह पोस्त के बिना पके फलों  से प्राप्त की जाती है। इसका उपयोग दर्द कम करने एवं अच्छी नींद लाने के लिए किया जाता है।
  • एट्रोपिन (Atropine)- यह एट्रोफा बेलाडोना(Atropha belladona) नामक पौधे की जड़ों से प्राप्त की जाती है। यह आँखों की पुतली का आकार बढ़ाती है तथा तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है।
इसके अतिरिक्त अन्य कई औषधियां है जो एल्केलॉइड्स द्वारा बनती है।


ग्लूकोसाइड्स (Glucosides)  
ये कार्बोहाइड्रेट के नष्ट होने से बनते हैं और इनमें से कुछ औषधियों की तरह प्रयोग किए जाते हैं जैसे  डिजिटाॅक्सिन(Digitoxin) नामक हृदय के रोग की औषधि डिजिटेलिस परप्यूरिया नामक पौधे की ग्लूकोसाइड है।

टैनिन्स (Tannins)
यह स्वाद मैं कड़वे होते हैं तथा ग्लूकोसाइड से संबंधित होते हैं। यह कोशिका रस, कोशिका-भित्ति,छाल व पत्तियों इत्यादि में पाए जाते हैं।

यह कच्चे फलों में अधिक होते हैं लेकिन फलों के पकने पर इनकी मात्रा कम हो जाती है। यह चमड़े को सख्त करने का काम करते हैं के काम आते हैं।

इनसे कई प्रकार की औषधियां बनाई जाती हैं। यह रोशनाई बनाने के काम में भी आते हैं।

हेमेटाॅक्सिलान (Haematoxylon) नामक पौधे से हेमेटोक्सिलिन (Haematoxylin) नामक Stain बनाया जाता है जो ऊत्तकों को रंगने में प्रयोग किया जाता है।

लैटेक्स (Latex)
यह श्वेत, पीले या भूरे रंग का दूध जैसा तरल पदार्थ होता है। वास्तव में यह एक पायस (Emulsion) है। यह पौधों के घाव भरने मे सहायक होता है। पपीते के लैटेक्स में पैपेन(Papain) नामक Enzyme होता है जो  प्रोटीनयुक्त  भोजन के पाचन में सहायक होता है। फाइकस इलास्टिका नाम के पौधे के Latex से रबर बनती है।

सुगन्धित तेल (Essential oils)
ये वाष्पशील तेल होते हैं। ये अधिकतर विशेष कोशिकाओं में मिलते हैं। कुछ पुष्पों, पत्तियों, फलों के छिलके, छाल आदि में सुगंध इन्हीं के कारण होती है। ये पौधों को परागण में सहायता देते है क्योंकि ये बहुत से कीट पतंगों को अपनी ओर आकर्षित करते है। ये साबुन, औषधी इत्यादि बनाने में काम आते हैं।
कुछ सुगंधित तेल हैं-
Citrus oil- यह नींबू से निकला जाता है|
उत्सर्जी पदार्थ:General Introduction,Types,Uses|Hindi
Citrus oil


Khus oil- यह खस की जड़ों से निकाला जाता है।
Gulab oil- यह गुलाब के पुष्पों से प्राप्त होता है।
उत्सर्जी पदार्थ:General Introduction,Types,Uses|Hindi
Gulab oil

Jasmine oil- यह चमेली के पुष्पों से प्राप्त किया जाता है।

रेजिन्स (Resins)
यह पदार्थ सुगंधित तेल के ऑक्सीकरण से बनते हैं। यह विशेष प्रकार की ग्रंथियों में अकेले सुगंधित तेल या गेंदों के साथ मिलते हैं।

यह जल में अघुलनशील होते हैं जबकि ईथर और अल्कोहल में घुलनशील  होते हैं। इनका प्रयोग पेंट वह वार्निश बनाने के काम आता है इसके अलावा खाने वाली हींग का निर्माण भी इसी से होता है। (हींग फेरूला ऐसेफोटिडा की मोटी जड़ों से सफेद दूध के रूप में उत्पन्न होता है।)
इससे विभिन्न प्रकार की औषधियां भी बनाई जाती हैं।

गोंद (Gum)
इनका निर्माण सैलूलोस की बनी कोशिका भित्ति के नष्ट होने के कारण होता है। यह जल में घुलनशील होते हैं। यह पौधों से लसदार पदार्थ के रूप में निकलते हैं जिनका प्रयोग चिपकाने में किया जाता है इसके साथ ही इनका प्रयोग औषधियों के रूप में भी किया जाता है।

कार्बनिक अम्ल (Organic Acid) 
यह पौधों की पत्तियों व फलों में पाए जाते हैं। इमली में टार्टरिक अम्ल, नींबू में सिट्रिक अम्ल तथा कच्चे सेब में मैलिक अम्ल पाया जाता है। इसके अलावा कई फलों में तथा पत्तियों में यह अम्ल पाया जाता है।



hope you guys like this post please share, comment and follow my page for more updates.....

No comments:

Post a Comment